Friday, December 8, 2017

नरसीकाका( चंद्राला) ने श्रद्धांजली


माननीय नरसीकाका अब नहीं रहे गांधीनगर के पास  चंद्राला नाम के गाँव के निवासी और एक कर्मवीर किसान थे नरसीकाका एक प्रगतिशील किसान थे शरु में भारतीय किसान संघ से साथ जुड़े थे संगठन का कार्य करते करते वो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के साथ से जुड़े कई सालों तक गांधीनगर विभाग संघचालक और बाद में अपने अंतिम दिन तक गांधीनगर जिला के संघचालक रहे थे

        शिक्षण के प्रति उनका लगाव था चंदराला शिक्षण संकुल के वो एक बहुत बड़े अच्छे कार्यकर्ता थे। खेती में अनेक नए प्रयोग करते थे नदी किनारे की बंजर भूमि को कैसे अच्छी बनाना और इज़रायल technique से कम पानी में अच्छे निपज लेना यही उनकी एक बड़ी अच्छी वाली खेती की करामत थी। आलू उनके खेतों में से निकलते हुए लेने के लिए वेफर की कंपनियां तैयार रहती थी ख़ुद किसान थे और अपने सब परिवार के लोगों को भी खेती के काम में जुड़े थे। वैज्ञानिक खेती की कई प्रयोग उसने कीए। परिवार के लोगने इज़राइल जाके कई नई पद्धतियाँ सीखी थी खेत में कैसे वैज्ञानिक पद्धति से खेती हो उनका आगरह रहता था। सरकार की ओर से खेत के विषय में अनेक सम्मान भी प्राप्त कर चुके थे  

      अपने समाज के लिए भी कुछ करना ऐसा उनका हर हमेशा भाव बना रहता था समूह विवाह के लिए ख़ुद कार्यकर्ता बनके काम करते थे वैसे वो बोलने में बोहोत शपषट थे। सच्ची लेकिन कड़वी बात बताने में कभी वो डिगमिगाते नहीं थे वो बोहोत स्वाभिमानी और शौयँशील थे। चंद्राला में १९९९ में गुजरात प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग हुआ तब उनके साथ पच्चीस दिन वर्ग में रहने का मौक़ा मुझे मिला था। वगँ के शिक्षार्थियों को हर तरह की सब्ज़ी वर्गों में वो खिलाते थे , इतना ही नहीं जब जब मिठाई की बारी आती तो आग्रह से सबके सामने बैठकर खिलाते थे ऐसे काका अब नहीं रहे , लेकिन अब उनके विचार और कृति हमारे सामने सदाएं प्रेरणादायक रहेगी , औम शांतिे