Tuesday, October 27, 2020

रमेशभाइ ठाकर को श्रद्धांजली

एक ओर भारतमाता के पुत्र की विदाय 

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             राजकोटमे रहने वाले  और संघ के सौराष्ट्र प्रांत के व्यवस्था प्रमुख रमेशभाई ठाकर हमसे विदा लेकर लंबी यात्रा पर चले गये। भारतमाताकी सेवा करते राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के बाल्य कालसे लेकर अभी तक ज़िम्मेदारी निभाते रहने वाले रमेशभाइ को कोरोना के कोम्लीक्शन ने हमसे छुड़वा लीया । राजकोट महानगर से लेकर ,विभाग तक कार्यवाह रहकर अनेक स्वंयसेवक तैयार करनेवाले मितभाषी और सदा हंसते रहने वाले हम सबको रुलाकर चल बसे। 

          स्टेट बेंक मे कार्य रत होते हुए जहां भी गये वहा संघ काम करते रहे और कार्यकर्ता निर्माण करते रहे। चाहे राजकोट हो , मोरबी हो ,पालनपुर या पोरबंदर । मंद और बंध शाखा को चालु करना और मज़बूत बनाना और यह भी अपने व्यवहार और नियमितता द्वारा यह उनका स्वभाव रहा। पालनपुर के प्रभात शाखा को ऐसे ही सक्रिय बना दीया था।बेंकमे रहते हुए संघ का व्यवस्था विभाग सँभालते रहे। बेंक मे भी ग्राहकों के साथ व्यवहार की बातें आज भी लोग याद करते है। 

     अपने परिवार और सभी लोगोको देशभक्ति और समाजसेवा मे लगाते रहे। अपने परिवार मे  नियमित घर सभा करना ओर मुठ्ठी दान योजना करनेवाला सक्रिय परिवार बनाया । जिन्हे जरुरत है ऐसे परिवार को ढुढकर मदद करते थे ।

कोरोना के समय मे भी सेवा कार्य का मार्गदर्शन करते रहे।          —-दिनांक २ सप्टे को जुनागढ और ४ सप्टे को राजकोट विभाग के संघ विभाग कार्यकर्ता की बैठकों मे हमारे साथ उपस्थित थे। जुनागढ रेन्ज आइ जी को मिलनेमे भी साथ थे। पूरे प्रवास मे संघ और स्वंयसेवक की बातें करते थे।

      मूलतह जामनगर के पास हमापर गाँव के स्वंयसेवक रहे ।माननीय पंकजभाइ वडवाला और नटवरसिंह बापु जैसे प्रचारक के निकट रहे। 

    पपू सरसंघचालक मान मोहनजी भागवत जब सरकार्यवाह थे। तब उनके प्रवासमे उनका भोजन रमेशभाइ के घर पर था।मै साथ मे था। छोटी छोटी बातो का महत्व रखनेवाले थे।

सरल स्वभाव, सचोट मार्गदर्शन , स्पष्ट बातें, संघमे जीवन.  परिवार संघ मे, हिन्दु स्वभाव और परिवार भाव, सेवा का स्वभाव ,सबको मिलते रहेना... यह सब कैसे भूल सकते !!

     परिवार, डोकटर और सब संघ स्वंयसेवकोने काफ़ी मेहनत की लेकिन कुदरत का विधान नही बदला । आज देह से विदा ले गये लेकिन विचार और व्यवहार से सबको   याद रहेंगे। 

उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना और परिवार जनो को रमेशभाइ की विदाय का दुख सहन करने की भगवान क्षमता दे। ॐ शांति